
पीडीएस एक्ट 2022 की कमियों को लेकर एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री महोदय से मिला
लोकेशन कालावाली
रिपोर्टर इंद्रजीत
कालांवाली : प्रदेशभर के डिपू होल्डरों में पीडीएस एक्ट 2022 जोकि डिपू होल्डरों की भाषा में काला कानून भी कहा जाता है को लेकर आक्रोश है। आल राशन डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा पिछले काफी समय से जब से यह एक्ट सरकार लेकर आई है तब से इस एक्ट के विरुद्ध संघर्षरत है। प्रदेशभर के डिपू होल्डरों द्वारा हड़तालें, रोष-प्रदर्शन, धरने आदि करके सरकार को इस पीडीएस एक्ट 2022 (काला कानून) के वारे अवगत करवाया जा रहा है। इसी कड़ी के तहत आज एसोसिएशन पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल अजय कुमार सिंगला घरौंदा के नेतृत्व में माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी को मिला तथा उन्हें इस पीडीएस एक्ट 2022 की कमियों वारे विस्तारपूर्वक बताते हुए इसमें संशोधन करवाने वारे आवेदन किया। अजय कुमार सिंगला ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी के ध्यानार्थ एसोसिएशन की मांग रखते हुए कहा कि नये पीडीएस एक्ट 2022 में डिपू होल्डरों की आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित की गई है जोकि सरासर ग़लत है क्योंकि डिपू होल्डर कोई कर्मचारी नहीं है वह एक लाईसेंस धारी दुकानदार है। एक दुकानदार की कार्य करने की आयुसीमा निर्धारित नहीं की जा सकती भारतवर्ष में कहीं भी किसी भी राज्य में डिपू होल्डर की आयुसीमा निर्धारित नहीं है। तथा इस पीडीएस एक्ट में छोटे-छोटे नये डिपू 300 राशनकार्ड पर अलाट करने का प्रावधान है जो भी सरासर ग़लत है इससे डिपू होल्डरों का शोषण होगा तथा उसकी कोई प्रयाप्त आय सुनिश्चित नहीं होगी जिससे डिपू होल्डरों में कमीशन को लेकर छीना-झपटी बढ़ेगी। इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने वारे माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी ने आश्वासन दिया। यह जानकारी देते हुए आल राशन डिपो होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के मिडिया प्रभारी गुरतेज सिंह सोढ़ी ने बताया कि पीडीएस एक्ट 2022 (डिपू होल्डरों के लिए काला कानून) की शोषण कर्ता धाराओं (बिन्दूओं) पर एतराज़ जताते हुए गत दिनों भी एक प्रतिनिधिमंडल माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविंदर कल्याण जी को मिला था तथा आज एसोसिएशन का एक अन्य प्रतिनिधि मंडल माननीय शिक्षा मंत्री महोदय श्री महिपाल जी से भी इसी विषय को लेकर मिला है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के डिपू होल्डरों द्वारा नये पीडीएस एक्ट 2022 को माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके चुनौती दे रखी है जिस पर सरकार ने लिखित में जबाब देते हुए कहा है कि हम इस नए पीडीएस एक्ट 2022 में पुनर्विचार करके संशोधन करने जा रहे हैं।
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